Monday, 6 June 2016

सूर्य की पूजा से मिलता है मान-सम्मान, ये हैं उपाय रविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन की गई पूजा से कुंडली के सूर्य से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं। सूर्य की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही, नौकरी और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य पूजा से दूर हो सकती हैं। यहां जानिए सूर्य के उपाय, जो रविवार से किए जाने चाहिए... शास्त्रों में सूर्य पूजा के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, इन मंत्रों का जप सुबह-सुबह करना चाहिए। रविवार से शुरू करके हर रोज सूर्य मंत्रों का जप करें और सूर्य को जल अर्पित करें। ये उपाय सभी सुख प्रदान करने वाला माना गया है। ऐसे करें सूर्य देव का उपाय रविवार को सुबह जल्दी उठें, स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी मंदिर जाएं या घर पर सूर्य को जल अर्पित करें। यदि आप रोग या किसी अन्य कारण से स्नान न कर पाएं तो जल से मुंह धोकर, कुल्ला करने के बाद, पवित्र भाव से इस सूर्य मंत्र का जप कर सकते हैं। पूजन में सूर्य देव के निमित्त लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करें। गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद इस मंत्र का जप करें... मंत्र 1- प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि। सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।। या मंत्र 2- ॐ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे। निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।। त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्। भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।। इन दोनों मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जप किया जा सकता है।

सूर्य की पूजा से मिलता है मान-सम्मान, ये हैं उपाय
रविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन की गई पूजा से कुंडली के सूर्य से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं। सूर्य की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही, नौकरी और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य पूजा से दूर हो सकती हैं। यहां जानिए सूर्य के उपाय, जो रविवार से किए जाने चाहिए...
शास्त्रों में सूर्य पूजा के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, इन मंत्रों का जप सुबह-सुबह करना चाहिए। रविवार से शुरू करके हर रोज सूर्य मंत्रों का जप करें और सूर्य को जल अर्पित करें। ये उपाय सभी सुख प्रदान करने वाला माना गया है।
ऐसे करें सूर्य देव का उपाय
रविवार को सुबह जल्दी उठें, स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी मंदिर जाएं या घर पर सूर्य को जल अर्पित करें। यदि आप रोग या किसी अन्य कारण से स्नान न कर पाएं तो जल से मुंह धोकर, कुल्ला करने के बाद, पवित्र भाव से इस सूर्य मंत्र का जप कर सकते हैं।
पूजन में सूर्य देव के निमित्त लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करें। गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद इस मंत्र का जप करें...
मंत्र 1- प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।
या
मंत्र 2- ॐ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।
इन दोनों मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जप किया जा सकता है।

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